थाना मवाना पुलिस द्वारा मात्र तीन घण्टे में घर से लापता बच्चा बरामद किया

मेरठ। प्रतिभा के लिये कोई उम्र नहीं होती है। यह किसी भी व्यक्ति में आ सकती है। गंगानगर स्थित आक्स फोर्ड इंटरनेशन स्कूल के कक्षा 6 के मात्र 10 के छात्र हमजा में वह प्रतिभा निकल कर सामने आयी है। जो बीटैक के छात्रों में होती है। जो उम्र बालक की खेलने की होती है उस उम्र में वह सी प्लस प्लस का कोर्स रहा है। 10 साल के हाम्जा अमहद ने सी प्लस प्लस में महारात हासिल की है। वहं भी मात्र 45 दिन में । हामजा की प्रतिभा की स्कूल के टीचर से लेकर इंस्टीटयूट के प्रबंध तंत्र व वही के शिक्षक कायल हो गये है ।
हम बात कर रहे है कैंट स्थित लाला मौहम्मदपुर निवासी सलीम का बेटे हमजा अहमद उर्फ शामी की जो वर्तमान में गंगा नगर में ओक्स फोर्ड इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 6 का छात्र है। । हमजा के अंदर कई प्रतिभा छिपी हुई है। प्रतिभा के धनी छात्र हमजा का बचपन से काफी शर्प मांइड रहा है। जिस उम्र में बच्चों खेलना सिखता है। उस उम्र में उसे कुरान की आयते पढनी दी थी। सरकारी विभाग में कार्यरत पिता सलीम ने उसकी प्रतिभा को देखते हुए कंकरखेडा स्थित चन्द्रा कम्यूटर सैंटर पर सी प्लस .प्लस का कोर्स करने के लिये वहां के संचालक सुरेन्द्र पाल सिंह सम्पर्क किया तो वह उसकी उम्र देखकर चौंक गये। लेकिन जब उन्होने हमजा की प्रतिभा के बारे में जानने का प्रयास किया तो वह भी हतप्रभ रहे गये। इस उम्र में उसे उतना ज्ञान था। जो एक बीटैक के छात्र को भी नहीं होता है। इंस्टीटयूट की टीचर नीतू गर्ग ने उसे पहले सी प्लस प्लस कोर्स करना आरंभ किया। टीचर नीतू की मानें तो हमजा उर्फ शामी की कैचिंग पांवर इतनी जबरदस्त है। एक बार ही उसे समझाने पर वह पकड लेता है। ४५ दिन के अंदर सी प्लस-प्लस की अधिकतर कमांड को सीख लिया। उनकी मानें तो इस तरह के बच्चे हजारों में एक दो ही मिलते है। उनका कहना है कि जिस कोर्स की कमांड को समझ्ने मेें बीटेैक के छात्र देरी लगाते है। वहीं हमजा कुछ ही मिनटों में उसे आसानी से कर लेता है। कम्ययूटर शिक्षका का कहना है उन्होंने अभी तक इस प्रकार का छात्र नहीं देखा है । जो इतने तेज दिमांग का हो। हमजा की माने तो वह एक साइंसटिस्ट बनाना चाहता है। वह देश के पूर्व राष्टï्रपति डा एपीजे अब्दुल कलाम की तरह बनना चाहता है।
जब हमजा से सामान्य ज्ञान की जानकारी लेने का प्रयास किया तो उसके टिप्स पर सब जानकारी थी। हिन्दी के साथ उसकी अग्रेजी भाषा पर काफी पकड है। हमजा की मॉ आबिदा ने बताया जब वह तीन साल का था तभी वह कुरान को बिना झिझके पढ लेता था। चार साल की उम्र में उसने कम्यूटर सीख लिया था। उन्होंने बताया उनके बेटे मेें एक अलग तरह की प्रतिभा छिपी हुई। कक्षा 6 मे होते हुए कक्षा सात का कोर्स भी पूरा कर लिया है। वह कक्षा १० की तैयारी अलग से कर रहा है। पिता का कहना है सरकारी जॉब के चलते वह बच्चे की पढाई की तरह कम ध्यान दे पाते है। हमजा की इस मेहनत में उसकी मॉ आबिदा का बहुत बडा हाथ है।