इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का यूपी रीजनल सेंटर बना एमआईईटी
- एमआईईटी में स्टूडेन्ट्स इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन का घोषणा समारोह आयोजित
अनीस खान/युरेशिया ब्यूरो
मेरठ। सीएसआईआर-केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, पिलानी तथा विज्ञान भारती-राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 23 तथा 24 दिसंबर 2020 को वर्चुअल रूप में आयोजित किए जा रहे भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के अंतर्गत स्टूडेन्ट्स इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन एंड एक्सपो का (कर्टेन राइज़र इवेंट) घोषणा समारोह मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) मेरठ में आयोजित किया गया। आयोजन का एमएस टीम्स के साथ-साथ यूट्यूब लिंक के माध्यम से सीधा प्रसारण किया गया।
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2020 के अंतर्गत स्टूडेन्ट्स इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन एंड एक्सपो के कर्टन रेजर प्रोग्राम में मुख्य वक्ता लक्ष्मण सिंह राठौर (पूर्व महानिदेशक मौसम विभाग पृथ्वी मंत्रालय भारत सरकार), विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डॉ राजीव कुमार गुप्ता (क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी मेरठ-सहारनपुर मंडल), उपाध्यक्ष विज्ञान भारती मेरठ प्रांत पुनीत अग्रवाल, चीफ इनोवेशन ऑफिसर संदीप द्विवेदी अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर, प्रोफेसर एसके बारिक (डायरेक्टर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ), डॉ पीसी पंचारिया (निदेशक सीरी पिलानी), डॉ मेघेन्द्र शर्मा (राष्ट्रीय समन्वयक), डॉ हेमेंद्र पांडे वरिष्ट (वैज्ञानिक भाभा परमाणु अनुसन्धान केंद्र), इंजीनियर शैलेश जैन, डॉ अभिजीत, कामाक्षी सक्सेना, शुभम शर्मा, सुशील शर्मा, विश्वास गौतम,एमआईईटी डायरेक्टर डॉ मयंक गर्ग आदि मौजूद रहेस्टार्टअप और इनोवेशन के लिए प्रेरित किया
डॉ राजीव कुमार गुप्ता ने अपने व्याख्यान में नई शिक्षा नीति को भारत देश के लिए वरदान कहा उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति में शिक्षा लेने के बाद जॉब सीकर नहीं जॉब गिवर बनना है। स्टार्टअप और इनोवेशन के लिए प्रेरित किया ।
डायरेक्टर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के प्रोफेसर एसके बारिक ने घोषणा समारोह में मुख्य अतिथीय संबोधन देते हुए आयोजन के लिए आत्मनिर्भर भारत तथा विश्व कल्याण के लिए विज्ञान विषय को चुनने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और विज्ञान भारती की प्रशंसा की। उन्होंने अपने समय और वर्तमान समय में विद्यार्थियों के पास उपलब्ध सुविधाओं व अवसरों की तुलना करते हुए विद्यार्थियों को मॉडलों के माध्यम से अपने नवाचारों को आकार देने का आह्वान किया। उन्होंने चुनौतियों और कठिनाइयों से भागने की बजाय उनका डटकर सामना करते हुए समाधान प्रस्तुत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यही सफलता का मूलमंत्र है। अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों की भी चर्चा की।
सुप्रसिद्ध मौसम वैज्ञानिक तथा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं विज्ञान भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने व्याख्यान में अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की पृष्ठभूमि और संकल्पना पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत त्योहारों का देश है इसलिए हमें विज्ञान को भी पर्व की ही तरह आयोजित करना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर आईआईएसएफ आयोजन के अंतरराष्ट्रीय पक्ष पर प्रकाश डालते हुए भारतीय संस्कृति की वसुधैव कुटुम्बकम संकल्पना को रेखांकित किया। उन्होंने इस संपूर्ण आयोजन में सीएसआईआर और विज्ञान भारती के प्रयासों की सराहना की। कोविड के कारण उत्पन्न परिस्थितियों का हवाला देते हुए डॉ लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने कहा कि विपरीत और विषम परिस्थितियों के बावजूद आयोजन को मूर्तरूप दिया जाना स्वागत योग्य है।
इस अवसर पर आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए स्टूडेन्ट्स इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ मेघेन्द्र शर्मा ने संपूर्ण आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने प्रतियोगिता की आयोजन प्रक्रिया एवं पुरस्कारों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रतिभागिता हेतु पंजीकरण आरंभ हो चुका है और आशा व्यक्त की कि सभी के समन्वित सहयोग से प्रतियोगिता में भारत सहित अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी सम्मिलित होंगे।
उपाध्यक्ष विज्ञान भारती मेरठ प्रांत पुनीत अग्रवाल ने भारतीय युवा शक्ति की सराहना करते हुए कहा कि हमारे पास युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हमारे छात्रों को अवसर और उचित मार्गदर्शन प्राप्त हों तो वे कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए देश की युवा जनशक्ति को साधना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस महोत्सव के अपने गतवर्ष के अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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