विनायक विद्यापीठ के छात्र रिकान्त नागर ने राज्य स्तर पर प्राप्त किया प्रथम स्थान

यूरेशिया संवाददाता
मेरठ-एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा कराने के निर्णय के विरोध में हाथ में पोस्टर बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
एनएसयूआई ने मांग करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए विश्वविद्यालय अपने परीक्षा कराने के निर्णय को वापस ले। छात्रों के भविष्य और जीवन को देखते हुए जनरल प्रमोशन की प्रक्रिया लागू करे। विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी परीक्षा कराने के निर्णय को वापस नहीं लेता तो एनएसयूआई इसका जोरदार तरीके से विरोध करेगी। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रोहित राणा ने कहा की विश्वविद्यालय छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता हैं। विश्वविद्यालय कोविड-19 के चलते वर्तमान परिस्थिति परीक्षा के अनुकूल नहीं है। एनएसयूआई किसी भी कीमत पर परीक्षा नहीं होने देगी जल्द से जल्द विश्वविद्यालय अपने निर्णय को वापस ले। हम छात्रों के साथ हैं। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छात्र हित में निर्णय ले लिया गया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी छात्र हित में निर्णय लिया है तो चोधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी क्यों नहीं ले सकती। अगर विश्वविद्यालय अपना निर्णय वापस नहीं लेती तो मजबूरन एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को सड़क पर आना पड़ेगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की होगी। विरोध करने वालों में सूर्यांश तोमर, हर्ष ढाका, करार हुसैन, मगन शर्मा ,कपिल जैन, प्रशांत चौधरी, नितीश भारद्वाज, अल्तमस त्यागी ,मोहित सांगवान, आदि मौजूद रहे। कांग्रेस प्रवक्ता हरिकिशन अम्बेडकर ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में परीक्षा करना सही नही होगा, छात्र हितों के ध्यान में रखते हुऐ, विश्वविद्यालय को अपने निर्णय पर पुनः विचार करना चाहिए।