एम्बुलेंस के कोरोना योद्धा सम्मानित: सीएमओ ने प्रमाणपत्र देकर कार्यों को सराहा
यूरेशिया संवाददाता
मेरठ। कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान की परवाह किये बगैर मरीजों को मदद पहुंचाने वाले एम्बुलेंस सेवा के चालकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को बृहस्पतिवार को सम्मानित किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजकुमार ने उन्हें प्रमाणपत्र ,टीशर्ट, स्प्रे, मोबाइल चार्जर, देकर सम्मान से नवाजा।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कोरोना संक्रमण काल में अगर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका किसी की है तो इन कोरोना योद्धाओं की है, जो अपनी जान को जोखिम में डालकर संक्रमित मरीजों को अस्पताल तक पहुंचा रहे है। ऐसे योद्धाओं को सलाम है। उन्होंने कहा एम्बुलेंस के चालक व स्वास्थ्य कर्मचारी पता होने के बाद भी अपनी जिदंगी दांव पर लगा कर कोरोना से संक्रमित मरीजों को कोविड वार्ड तक पहुंचा रहे हैं, इनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
सम्मान समारोह का आयोजन सीएमओ कार्यालय में सोशल डिस्टेंस के साथ किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा राजकुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पूजा शर्मा, जिला सर्विलांस अधिकारी डा. विश्वास चौधरी, अशोक तालियान,डा प्रीति सिंह ने संयुक्त रूप से रीजनल मैनेजर संजीव, प्रोमिल त्यागी, विपिन अधाना विजय गंगवार, प्रदीप पाठक समेत अन्य कर्मचारियों को फूलमाला पहनाकर व कोरोना का योद्धा का प्रमाण पत्र, स्पे्र, टीशर्ट, मोबाइल चार्जर देकर सम्मानित किया। सीएमओ सहित सभी अधिकारियों ने एम्बुलेंस स्टाफ की जमकर प्रशंसा की।
बता दें कोरोना संक्रमण काल में मरीजों व गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों तक पहुंचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका एम्बुलेंस 108-102 व लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की रही है। जिले में 79 एम्बुलेंस हैं, जिसमे 37 एम्बुलेंस 108 व 38 एम्बुलेंस 102 सेवा की है, इसके अतिरिक्त चार लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हैं। जिले में कोरोना के संक्रमित मरीजों को मेडिकल कालेज, सुभारती मेडिकल कालेज, मुलायम सिंह मेडिकल कालेज, पांचली खुर्द एल-1 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाने का कार्य कर रही हैं। इन एम्बुलेंस ने 470 कोरोना संक्रमित मरीजों को विभिन्न अस्पतालों तक पहुंचाया है। इसके अतिरिक्त 4500 से अधिक लोगों को क्वेरेंटाइन सेंटर पहुंचाया है जबकि ठीक हुए 3000 से अधिक मरीजों को उनके घर पहुंचाया है। जनपद में एम्बुलेंस सेवा 108 की आठ ,एम्बुलेंस, 102 की एक, व 3 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए सेवा में लगायी गयी हैं।
- दो माह से घर नहीं गये
कोरोना काल में मरीजों को अस्पताल, क्वेरेंटाइन सेंटर पहुंचाने के काम में लगे एम्बुलेंस के कर्मचारी पिछले दो माह से घर से दूर हैं। सिर्फ फोन पर ही परिजनों से बातचीत हो जाती है। एम्बुलेंस पर तैनात ज्यादातर कर्मचारी ऐसे हैं जो अन्य जिलों में रहते हैं।
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