बन गए गजब के राशन कार्ड ---- पति का नाम नहीं बच्चे अनेक
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यूरेशिया संवाददाता
मेरठ ------ बन्दर के हाथ में गुलेल आ जाए तो वो उलटे सीधे ही सामान तोड़ता है.अगर कहाँ जाए तो ऐसा ही कुछ एरिया फोर्थ के काम संभालने वाले प्राइवेट ऑपरेटर ने कर दिया जिसकी वजह से आज एरिया फोर्थ के इन्स्पेक्टर की नौकरी तक दाव पर लग चुकी है। क्योकि उन्होने अपनी राशन कार्ड साइन वाली की हीरा लाल बिल्डिंग में बैठे प्राइवेट ऑपरेटर को दे राखी थी । और ये प्राइवेट ऑपरेटर और कोई नहीं हीरा लाल बिल्डिंग में आने वाले पूर्ति निरीक्षकों को पानी पिलाने वाला और राशन कार्ड के फार्म भरने वाला युवक अंकित है। इस युवक ने कार्यालय में आने वाले अधिकारियो से साथ गाठ कर वहा अपनी सीट जमा ली और एरिया फोर्थ के निरीक्षक का सहयोग करने लगा लेकिन पूर्ति निरीक्षक ने एक गलती कर दी राशन कार्ड साइन वाली की को इसे दे दिया जिसका इस्तेमाल पूर्ति निरीक्षक की गैर मौजूदगी में उसने अपनी जेब गरम करने के लिया किया और गजब के कार्ड बना डाले कुछ राशन कार्डो में महिला मुखिया है पति है ही नहीं लेकिन बेटे और बेटिया अनेक है। अब ऐसे बने राशन कार्डो का खामियाजा पूर्ति निरीक्षक को भुगतना पड़ रहा है। हीरा लाल बिल्डिंग में आने वाले हर राशन कार्ड या यूनिट जोड़ने के अंकित ने चंद पैसो के लालच में की का उपयोग कर के साइन कर दिए उसने ये भी नहीं देखा कि राशन कार्ड में महिला मुखिया हिन्दू है पति का नाम है या नहीं बस बना दिए अजब गजब कार्ड। ----अगर बात की जाए एरिया फोर्थ की तो ----एरिया फोर्थ के पूर्ति निरीक्षक तो पूर्व से ही है चर्चाओं में रहे है।
तीन साल पहले धर्मेन्द्र पूर्ति निरीक्षक रहे जिनके सहयोग में प्राइवेट ऑपरेटर मयंक काम किया करता था बताते चले पूर्ति निरीक्षक के कहने पर प्राइवेट ऑपरेटर मयंक एक राशन डीलर से किसी काम को करवाने की एवज में रिश्वत ले रहा था तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया ओर पूर्ति निरीक्षक धर्मेंद और उनका सहयोगी मयंक जो हीरालाल बिल्डिंग में प्राइवेट ऑपरेटर था दोनो के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा लिखा गया जिसके बाद दोनों जेल गए थे। उसके बाद पुर्ति निरिक्षक शिखा पाड़े जिनके सहयोग मे जाकिर कालोनी निवासी शहनवाज ने काम किया जिसे आज भी मशीनों मे सेटिंग करने के मामले मे पुलिस तलाश कर रही है। लेकिन उसका पता लगाने में नाकामयाब है।
और अब पानी पिलाने वाले को एरिया फोर्थ की जिम्मेदारी -----... आज से दो साल पुर्व तक आने वाले अधिकारियों को पानी पिलाने वाला ओर हीरालाल बिल्डिंग मे आने वाली जनता के राशन कार्ड के फार्म दस रुपये लेकर भरने वाला आज एरिया फोर्थ के सभी कामो में पूर्ति निरीक्षक का सहयोग कर रहा है कहने को तो ये प्राइवेट ओप्रेटर है लेकिन एरिया फोर्थ के इन्स्पेक्टर की गैर मौजूदगी में ये पूरा काम किया करता था। जिसका नतीजा आज अजब गजब बने राशन कार्ड दिख रहे है सरकारी कार्यलय का समय जनता के लिए सुबह 11 से 4 का था। लेकिन ये साहब राशन डीलरों की खिदमत रत के 10 बजे तक भी करते थे अगर कहा जाये तो एक दो राशन डीलर तो इनके बहुत ही खास मित्रो में से है जिनमे जाकिर कालोनी निवासी रफीकन बेगम है। जिनका नाम अक्सर चर्चाओं में आता रहता है। लेकिन ये युवक किस की शह पर इतनी जिम्मेदारी निभा रहा था। इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। लेकिन फ़िल्हाल तो इनके किये गए कार्य से पूरा पूर्ति विभाग सकते में है।
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