थाना मवाना पुलिस द्वारा मात्र तीन घण्टे में घर से लापता बच्चा बरामद किया

यूरेशिया संवाददाता
मेरठ एक बार फिर से निर्भया के कातिलों को राहत मिली यह बहुत ही दुखद विषय है कि हमारी न्यायपालिका हमारी न्याय प्रणाली इतनी लचीली है कि उसे किसी भी रूप का मोड़ देकर कैसे भी तोड़ मरोड़ कर अपने पक्ष में किया जा सकता है जो एक जीता जागता नमूना है निर्भया कांड आज सनी देओल का वह डायलॉग याद आता है की अदालत केवल तारीख पे तारीख तारीख पे तारीख और तारीख पे तारीख ही दे सकती है न्याय नहीं दे सकती कहते हैं की न्याय की देवी अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर रखती है ताकि वह पक्षपात ना कर सके उसके लिए सब समान है वह सबको बराबर सजा दे सके सबके लिए बराबर इंसाफ कर सके पर आज यह देख कर लगता है कि न्याय की देवी ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध रखी है इंसाफ के लिए नहीं कातिलों को बचाने के लिए देखते हैं निर्भया को कब इंसाफ मिलेगा या फिर जब मिलेगा जब एक और निर्भया कांड होगा शायद सरकार उसी का इंतजार कर रही है