विनायक विद्यापीठ के छात्र रिकान्त नागर ने राज्य स्तर पर प्राप्त किया प्रथम स्थान

यूरेशिया संवाददाता
बागपत। बागपत जनपद की बड़ौत तहसील में छपरौली रोड स्थित सरस्वती हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर पर ब्लड चढ़ाते समय एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। गुस्साएं परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर तोड़फोड़ की और चिकित्सकों के साथ गाली-गलौच करते हुए मारपीट करने पर उतारू हो गए। परिजनों का गुस्सा देखकर चिकित्सक व कर्मचारी हॉस्पिटल को छोड़कर फरार हो गए। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया।
दरअसल, भगवानपुर नांगल निवासी प्रदीप ने बताया कि उसकी पत्नी मोना (32) गर्भवती थी। हालत खराब होने पर बुधवार की सुबह करीब 10 बजे नगर के छपरौली रोड स्थित सरस्वती हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर पर उपचार के लिए मोना को भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने जांच करने के उपरांत बताया था कि ब्लड की कमी है। ब्लड चढ़ाना बहुत जरूरी है। जिसके बाद परिजन ब्लड का इंतजाम करने में जुट गए और गाजियाबाद से ब्लड लेकर आए। ब्लड चढ़ाते समय शाम को करीब चार बजे अचानक से मोना की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। चिकित्सकों ने उन्हें गुमराह करते हुए आनन-फानन में मृत को आस्था हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। परिजनों ने बताया कि वह मोना को एंबुलेंस से लेकर आस्था हॉस्पिटल पहुंचे, जहां पर उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजन शव को लेकर वापस सरस्वती हॉस्पिटल पहुंचे। गुस्साएं परिजनों ने हॉस्पिटल मे तोड़फोड़ की और शव को रखकर हंगामा किया। चिकित्सकों के साथ जमकर गाली-गलौच की और मारपीट करने पर उतारू हो गए। मृतका के परिजनों का गुस्सा देखकर चिकित्सक व कर्मचारी हॉस्पिटल को भगवान भरोसे छोड़कर फरार हो गए। घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तोड़फोड़ कर रहे परिजनों को किसी तरह से समझा-बुझाकर शांत किया। परिजनों के हंगामे को देखते हुए हॉस्पिटल के बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्र हो गई थी। परिजन शव को हॉस्पिटल से उठाने को तैयार नहीं थे और हालांकि पुलिस प्रशासन शव को उठवाने का प्रयास करने मे जुटे हुए थे। इस संबंध में हॉस्पिटल की चेयरमैन डा. शिवानी कौशिक का कहना है कि ब्लड चढ़ाते समय महिला की सांस फूलने लगी थी और उसकी हालत बिगड़नी शुरू हो गई थी। जिसके चलते महिला को रेफर कर दिया गया था, महिला की मौत हॉस्पिटल में नहीं हुई है।